डागर जाट गोत्र का इतिहास
डागर जाट गोत्र का इतिहास यदुवंशी श्रीकृष्ण जी की चौथी पीढ़ी में बृज की परम्परा में जाड़ेचा और यदुमान नाम के दो भाई थे। इनमें जाड़ेचा ने काठियावाड़ में अपने राज्य वैभव का विस्तार किया। आज वहां भुज, जामनगर, ह्वौल, राजकोट, गूण्डल, मौर्वी आदि राजपूत राज्य जाड़ेचा को ही अपना पूर्वज मानते हैं। तात्पर्य साफ … Read more