जाट महापुरुषों की लिस्ट
विश्व की किसी भी एक जाति से अधिक जाट जाति में अधिक साधु, सन्त, फकीर व संन्यासी व त्यागी हुये, जो भारत व पाकिस्तान में पूजनीय हैं। वैसे तो उत्तर भारत के पंथ व विचार तथा डेरे लगभग जाटों के ही रहे है। जैसे कि राधा स्वामी दिनौद डेरा मल्हान जाटों का, राधा स्वामी ब्यास डेरा ग्रेवाल जाटों का, सिरसा का सच्चा सौदा डेरा बासी जाटों का ।
इसी प्रकार स्वामी निश्चल दास दहिया गोत्री जाट ने वैदिक धर्म की व्याख्या पर ‘विचार सागर’ ग्रंथ लिखकर अपने डेरे की महता बढ़ाई। रोहतक के अस्थल बोहर नाम का नाथ डेरा भी जाटों द्वारा स्थापित डेरा है। वर्तमान में प्रसिद्ध जैन साधु उपेन्द्र मुनि जो एक जैन मुख्यालय के मुखिया हैं, सोनीपत जिले के गांव रिढाना के नरवाल गोत्री जाट परिवार से हैं। वैसे तो जाट जीवन ही सन्त जीवन के एकदम पास रहा है
तुम चले गये पर चरण चिन्ह क्या मिट सकते हैं।
कोई भी काल आये क्या आपके कर्म घट सकते हैं॥
(1) धन्ना जाट भक्त – हरचतवाल गोत्री,
(2) पूर्ण भक्त उर्फ बाबा चौरंगीनाथ – संधु (सिन्धड़) गोत्री
(3) सन्त गरीबदास – धनखड़ गोत्री
(4) बाबा दीपसिंह – संधु गोत्री
(5) बाबा जोगी पीर – चहल गोत्री
(6) पीर बाबा काला मेहर – संधु गोत्री (पाकिस्तान)
(7) हाफीज बरखुरदार – भराइच गोत्री (पाकिस्तान)
(8) लाखन पीर – चीमा गोत्री
(9) सन्त निश्चलदास – दहिया गोत्री
(10) भक्तशिरोमणि रानाबाई – घाना गोत्री (राज.)
जाट महापुरुषो की लिस्ट
(11) पीर साखी सरवर – सरवर गोत्री (पाकिस्तान)
(12) बाबा सिद्ध भोई – धालीवाल गोत्री
(13) पीर बादोके – चीमा गोत्री
(14) बाबा हरिदास – डागर गोत्री (दिल्ली)
(15) बाबा कालूनाथ – गिल गोत्री
(16) बाबा सिद्ध कालींझर – भुल्लर गोत्री
(17) बाबा मेहेर मांगा – बाजवा गोत्री
(18) बाबा आल्टो – ग्रेवाल गोत्री
(19) बाबा सिद्धासन – रणधावा गोत्री
(20) बाबा तिलकारा – सिन्धु गोत्री
(21) सिद्ध सूरतराम – गिल गोत्री
(22) बाबा तुल्ला – बासी गोत्री
(23) बाबा अकालदास – पन्नु गोत्री
(24) बाबा फाला – ढिल्लो गोत्री
(25) शहीद स्वामी स्वतंत्रानन्द सरस्वती – सरोहा गोत्री
(26) बाबा अदी – गर्चा गोत्री
(27) बाबा उदासनाथ – तेवतिया गोत्री
(28) पीर बादोक्यान – चीमा गोत्री
(29) जट्ट ज्योना – मौर गोत्री,
लेकिन इनको ब्राह्मणवाद ने ज्यानी चोर कहकर बदनाम किया, क्योंकि ये दक्षिण एशिया में अपने समय के महान् बुद्धिमान् व्यक्ति थे जो बौद्ध धर्म के अनुयायी थे। इन्होंने ही राजकुमारी महकदे की रक्षा की थी।
(30) स्वामी आनन्द मुनि सरस्वती – राणा गोत्री (उत्तरप्रदेश)
(31) स्वामी केशवानन्द – ढाका गोत्री (राजस्थान) – इन्होंने राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र में महान् कार्य किया। संघरिया शिक्षा संस्थान इन्हीं की देन है।
(32) भक्त फूलसिंह – मलिक गोत्री। इनके नाम पर हरियाणा के सोनीपत जिले के खानपुर गांव में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।
(33) लोक देवता वीर तेजा जी – धौला गोत्री, राजस्थान के घर-घर में पूज्यनीय वीर देवता तथा प्रेरणा-स्रोत। इन्हीं के गोत्री भाइयों ने धौलपुर (राज.) शहर बसाया था।
Jat Muslim traditions in Pakistan
जाट महापुरुषो की लिस्ट
(34) बाबा मस्तनाथ – जाटवंशज
(35) बाबा शिवनाथ – खत्री गोत्री, अस्थल बोहर जिला रोहतक के मुखिया रहे।
(36) सन्त सदाराम जी – रेवाड़ गोत्री जाट, जोधपुर के पूजनीय संत।
(37) सन्त मूदादास जी – वास गोत्री जाट, जोधपुर क्षेत्र में पूजनीय।
(38) साधवी फूलाबाई जी – नागौर क्षेत्र में लोग उनके दर्शन से धन्य होते थे, मांझू जाट गोत्र में जन्मी।
(नोट- याद रहे हरयाणा के पूर्व मुख्यमन्त्री चौ० भजनलाल का भी यही गोत्र है जो हरयाणवी बिश्नोई जाट हैं न कि शरणार्थी पंजाबी।) इनके परिवार ने अवश्य कुछ दिन पाकिस्तान की भारत सीमा के साथ बहावलपुर स्टेट में अपने रिश्तेदारों के यहां खेती की थी। लेकिन ये सन् 1946 में ही वापिस अपने गांव आ गए थे।
(39) चूअरजी जाट जूझा – जिनकी मूर्ति राजस्थान में भगवान् की तरह पूजी जाती है।
(40) सन्त बख्तावर जी – झांझू गोत्री जाट, जिनकी मेवाड़ (राज.) क्षेत्र में पूजा होती है।
(41) हरिभगत कल्याण जी – जाठी गोत्री जाट जोधपुर राजाओं के गुरु कहलाये।
(42) महादानी भगत हर्षराम – फड़गौचा गोत्री जाट जिन्होंने खाटू से 12 कोस दूर पर विस्मयकारी कुंआं बनवाया जो आज भी अजूबा कहलाता है।
(43) गोगामेड़ी वाले – चहल गोत्री जाट, राजस्थान के गजरेरा गांव के रहने वाले थे, जिनके नाम पर मेड़ीधाम विख्यात है। यहां सभी धर्मों के लोग इन्हें पूजने जाते हैं।
(44) दानवीर सेठ छाजूराम – लांबा गोत्री जाट, जिनकी दान आस्था व सामर्थ्य कभी बिड़ला सेठ से भी अधिक थी।
जाट महापुरुषो की लिस्ट
(45) संत गंगा दास – ये महान् कवि संत थे जिनकी रचना ‘गंगा सागर’ संत सूरदास की रचनाओं के समक्ष मानी जाती है। ये गाजियाबाद के पास रसलपुर-बहलोलपुर के मुंडेर गोत्री जाट थे।
(46) बाबा सावनसिंहं – ग्रेवाल गोत्री – राधा स्वामी ब्यास
(47) जगदेवसिंह सिंह सिद्धान्ती – अहलावत गोत्री, यह महान् आर्यसमाजी तथा सांसद भी रहे ।
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(48) राधा स्वामी ताराचन्द – मल्हान गोत्री – राधा स्वामी दिनोद सत्संग के संस्थापक।
(49) भगवानदेव आचार्य उर्फ स्वामी ओमानन्द – खत्री गोत्री, यह महान् आर्यसमाजी जिन्होंने कन्या गुरुकुल नरेला तथा गुरुकुल झज्जर की स्थापना की।
(50) सन्त जरनैलसिंह भिण्डरवाला – बराड़ गोत्री जिन्होंने सन् 1984 में विद्रोह किया।
(51) संत कैप्टन लालचन्द – जिला चुरू के रहने वाले सहारण गोत्री जाट जिन्होंने एक नया अध्यात्मक विचार पैदा किया।
(52) त्यागी मनसाराम व बूज्जाभगत – श्योराण गोत्री, आदि-आदि।
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जाटों का ज़मीन पर जीवंत बिखरा पड़ा इतिहास