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उत्तरी भारत में, आठ महीने की गर्भवती महिला अगर खेत में काम करती दिखे तो इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है कि वह जाटनी होगी।

अगर देश की सीमा पर कोई सुगठित कद-काठी का सिपाही डटा हुआ दिखाई दे तो भी उसके जाट होने की बात ही दिमाग में आती है, भले ही वह जाट न हो।

साहस और शारीरिक श्रम करना जाट का सहज गुण है, इसलिए जाट मूलत: खेती करने वाला और एक योग्य सिपाही है।

इसी कारण शायद यह माना जाता है कि जाट सामान्य तौर पर ज्यादा बुद्धिमान नस्ल नहीं है। मैंने जाति के स्थान पर नस्ल शब्द का प्रयोग किया है, जिसकी चर्चा आगे करेंगे।

भारत पर विदेशी हमलावरों के हमले होते रहे हैं। अपनी जमीन की लड़ाई जाटों ने अपनी जान की बाजी लगाकर लड़ी है।

इस लड़ाई में जाटनियों का सहयोग केवल घायलों के मरहम-पट्टी करना नहीं रहा, बल्कि पति-पत्नी एक ही कमरबंध से अपने आप को पीठ के बल बांधकर युद्ध करते थे।

सामने के वार पति बचाता था और पीछे के पत्नी। इतिहास गवाह है कि जाट के जीवन-मरण में महिला का योगदान बराबरी का नहीं तो उससे कम भी नहीं रहा।

लेकिन इसके बावजूद भी जाटों के लिए आज यह शर्म की बात है कि जाट बाहुल्य क्षेत्रों में पुरुषों के मुकाबले में स्त्री कम होती जा रही हैं।

यह लिंग-भेद जाटों के गौरव में सबसे बड़ा कलंक है। यह मुद्दा यहीं पर खत्म नहीं होता बल्कि ‘सगोत्र प्रेम विवाह‘ के जानकारी में आने पर तो ऑनर किलिंग जैसी शर्मनाक वारदातें सामने आती रहती हैं।

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Randhir Deswal

जाटों को भारतीय पौराणिक ग्रंथों में वर्णित चारों वर्णों में कोई स्थान नहीं मिला इसलिए ये एक अलग ही पहचान रखते हैं।

इनकी चेहरे की बनावट, शारीरिक बनावट और क्षमता, त्वचा के रंग, रीति-रिवाज और शारीरिक हाव-भाव ही इनका इतिहास और इनके मूल स्थान का ब्यौरा देने के लिए काफी हैं।

जीन्स और डीएनए के आधार पर जाटों को दक्षिणी रूस से लेकर ईरान-ईराक तक परिभाषित किया जा सकता है। इसलिए जाट एक नस्ल है, जाति नहीं।

जाटों की उत्पत्ति और इतिहास पर कालिका रंजन कानूनगो, उपेंद्र नाथ शर्मा, जदुनाथ सरकार, नत्थन सिंह और कुंवर नटवर सिंह ने काफी लिखा है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण कालिका रंजन की किताब है।

वह जाटों का चरित्र विश्लेषण करते हुए लिखते हैं कि जाट मरते वक्त अपने उत्तराधिकारी को यह बता कर मरता है कि किस-किसका कितना कर्जा चुकाना है। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने जाटों को भारत की रीढ़ कहा है।

जाट एक प्रगतिशील नस्ल है। जाटों में विधवा विवाह जैसी प्रगतिवादी और विकासवादी रस्में तो शुरू से ही हैं। धार्मिक संस्कारों के संबंध में जाट ‘रूढ़ि’ को नहीं बल्कि ‘उत्सव’ को प्राथमिकता देता है।

स्वतंत्रता और प्रगति की तलाश में जाट हिंदू, मुस्लिम, सिख, आर्यसमाज आदि धर्म और संप्रदायों को अपनाने से नहीं चूकता। पंचायत भी जाटों के कबीलों से शुरू हुई।

Sikh Jatt
Gurudwara Kapal Mochan

इन सबके बावजूद जाटों में अभिव्यक्ति की भारी कमी है। अपनी बात को कैसे कहना-रखना है, यह जाट के लिए काफी मुश्किल है। कह सकते हैं कि जाट में बुद्धि तो होती है लेकिन सयानेपन की कमी होती है।

साथ ही जाटों से जुड़ी एक कहावत मशहूर है कि ‘आगे सोचे दुनिया और पीछे सोचे जाट’ यानी दुनिया के दूसरे लोग तो करने से पहले सोचते हैं लेकिन जाट करने के बाद सोचता है। यह जाटों की सबसे बड़ी खामियों में से एक है, जिसे अब दूर करना चाहिए।

दानदाता सूचि

हमारे दानदाता सज्जन जिन्होंने इस वेबसाइट Sir Chhoturam की नींव भरी है |

चिड़िया चोंच भरि ले गई, घट्यो न नदी को नीर ।
दान दिये धन ना घटे, कहि गये दास कबीर ॥

अर्थ: संत कबीर दास जी कहते हैं कि जिस प्रकार चिड़िया के चोंच भर पानी ले लेने से नदी के जल में कोई कमी नहीं आती है ठीक उसी प्रकार अपनी कौम के लिए दान देने से दानदाता के धन में कोई कमी नहीं आती है।

1. चौ विजय ठेकेदार धनखड़ गाँव बुडोली जिला रेवाड़ी11,000 रु
श्री धर्मेन्द्र धनखड़ इंस्पेक्टर वनविभाग गाँव बुडोली रेवाड़ी 3100 रु
2. प्रवेश नरवाल व रणधीर देशवाल देव कोलोनी, रोहतक10,000 रु
3. देवेन्द्र हुड्डा किलोई गाव, जिला रोहतक500 रु
4. संजय जाखड (साहलावास) झज्जर 1100 रु
5. टीनू मान गाँव लोआ, बहादूरगढ़500 रु
6. सोमबीर कादयान गाँव वजीरपुर (बेरी) झज्जर 500 रु
7. अतर सिंह कादयान (फोटोग्राफर) बेरी जिला झज्जर 500 रु
8. मनोज डाटिक गाँव पवेड़ा महेंद्वरगढ़ करमपाल इंस्पेक्टर एयर फ़ोर्स चेन्नई 500 रु
9. बिजेंद्र ग्रेवाल गाँव बामला भिवानी 1100 रु
10. प्रवीन मलिक (डॉ) और सोनू मलिक गाँव उमरा हिसार 1000 रु
11. अजय मल्हान दरियावाला (वर्तमान निवास शिव कॉलोनी जींद)500 रु
12. अधिवक्ता दलबीर नैन चिका, कैथल500 रु
13. अजायब शिडा आढ़ती अनाज मंडी चीका500 रु
14. नितिन बिधान सुगर मील पानीपत500 रु
15. धोला नाडू सिंघवा राघो नारनौंद, हिसार 2100 रु
16. चौ रामफल दहिया सिसाना पूर्व प्रधान दहिया खाप, सोनीपत1100 रु
17. महेश कलखंडा आईटीआई चौक, सोनीपत500
18. कर्मसिंह नरवाल शाहपुर जट जगाधरी 5100
19. राजेश दहिया सुडैल, यमुनानगर हरियाणा500
20. रोहित सहरावत (अजायब गाँव) (रेलवे वर्कशॉप) जगाधरी 1100
21. धीरज कठवाला तहसील जगाधरी हरियाणा500
22. सर्वजीत बैदवान गाँव मल्हेडी अम्बाला हरियाणा1100
23. नरेंद्र बैदवान गाँव मल्हेडी अम्बाला हरियाणा500
24. संदीप सरां (टोनी) व गौरव सरां गाँव रोलां अम्बाला हरियाणा1100
25. श्री हेतराम ठाकरान इस्लामपुर झाडसा, गुडगाँव हरियाणा2100
26. श्री सतीश दलाल गाँव किठवाडी जिला पलवल हरियाणा1100
27. चौ देवेन्द्र मालिक (मेडिकल स्टोर) सुरजकुंड फरीदाबाद हरियाणा1100
28. सुमित हुड्डा गाँव आसन (दिल्ली यूनिवर्सिटी) 1100
29. अश्विन पन्नू (रोहतक) मुखर्जी नगर दिल्ली500
30. चौधरी सोनित पंवार गाज़ियाबाद उत्तरप्रदेश500
31. आर्यन सिंह राठी बागपत उत्तरप्रदेश500
32. गजेंद्र सिंह चौधरी मथुरा उत्तरप्रदेश2500
33. चौ कुलदीप उज्जवल दरोगा वर्तमान ड्यूटी सहारनपुर उत्तरप्रदेश500
34. अजेंद्र चौधरी बरेली उत्तरप्रदेश500
35. सेवाराम चौधरी रूडकी जिला हरिद्वार उत्तराखंड 500
36. सूरत लाम्बा केन्टोमेंट देहरादून उत्तराखंड500
प्रोफेसर अनिल खोखर शिमला रोड देहरादून उत्तराखंड500
37. भंवर जाट चुरू राजस्थान 500
38. विक्रम भाम्बु चुरू राजस्थान 500
39. कमल तेतरवाल किशनगढ़, अजमेर राजस्थान 2100
40. लक्ष्मण राम जाट बाड़मेर राजस्थान 500
41. राकेश दहिया गाँव नाहरी जिला सोनीपत हरियाणा1100
42. डॉ सतबीर नांदल बोहर ( वर्तमान गुडगाँव) हरियाणा2100
43. राजबीर सहारण गाँव राजपुरा सिरसा हरियाणा2100
44. श्री हरिनारायण अकेला गाँव जसोर खेडी बहादुरगढ़ हरियाणा500
45. आकाश देशवाल जसोर खेडी, बहादुरगढ़ हरियाणा500
46. विजय दलाल बहादुरगढ़ हरियाणा500
47. अमित मलिक गाँव मोखरा रोहतक हरियाणा500
48. जितेंदर मलिक बदायूं उत्तरप्रदेश500
49. संदीप नरवाल, सेक्टर-3, रोहतक हरियाणा 500
50. सुरेश घनघस अध्यापक रोहतक 500
51. वीरेंद्र कैरो गुडगाँव 500
52. सज्जन खरब गुडगाँव 500
53. श्री भानु प्रताप दलाल गाँव मंडोठी बहादुरगढ़ 500
54. अजय श्योराण गाँव गामडा नारनौद हिसार ( भारतीत सेना मुंबई बेस)500

प्यारे दानदाता जाट भाइयो अपना आर्थिक या साहित्यिक सहयोग देने के लिए अपनी जानकारी नीचे दिए गए फॉर्म में भरकर भेजे |

फॉर्म

परिवर्तिनि संसारे मृतः को वा न जायते ।
स जातो येन जातेन याति वंशः समुन्नतिम् ॥

अर्थात: इस अस्थिर संसार में ऐसा कौन है जो जन्म और मृत्यु को प्राप्त नहीं करता हो? लेकिन यथार्थ में जन्म लेना उसी मनुष्य का सफल है जिसके जन्म लेने से उसके वंश के गौरव की वृद्धि हो: दीनबन्धु सर चौधरी छोटूराम

Mera Dewta Mera Ram
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