जाट कौम में गोत्र विवाद – जायज या नाजायज?

जाट कौम में गोत्र विवाद

जाट कौम में गोत्र विवाद – जायज या नाजायज? भारत वर्ष की विशेष पहचान सांस्कृतिक विभिन्नता से है । देश के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न समाज हैं जिनकी सामाजिक परम्परायें और संस्कृतियों में पूर्ण विभिन्नता है। उदाहरण के लिए दक्षिण के राज्यों में विशेषकर तमिलनाडू के हिन्दू समाज में अपनी बहिन, भुआ (बुआ) व मामे … Read more

जाटों का ज़मीन पर जीवंत बिखरा पड़ा इतिहास

जाटों का ज़मीन पर जीवंत बिखरा पड़ा इतिहास

जाटों का ज़मीन पर जीवंत बिखरा पड़ा इतिहास इतिहास पर शोध चलते रहते हैं और खोजी शिक्षार्थी पी. एच. डी. करते रहते हैं। पुरातत्त्व विभाग लाखों व करोड़ों रुपये खर्च करके जमीन की चीरफाड़ करता रहता है, जहां कभी जैन साधुओं की तो कभी महात्मा बुद्ध की मूर्तियाँ मिलती रहती हैं। और फिर अनुमान पर … Read more

जाटों के साथ पक्षपात के कुछ उदाहरण

जाटों के साथ पक्षपात के कुछ उदाहरण

जाटों के साथ पक्षपात के कुछ उदाहरण अंग्रेजी सरकार ने सन 1856 में सेना में बहादुरी का सर्वोच्च पुरस्कार विक्टोरिया क्रास आरंभ किया जो सन 1947 तक 1346 वीर सैनिकों को दिये गये जिसमें 40 भारतीयों के हिस्से में आये और इनमें से 10 जाटों के नाम हैं अर्थात अंग्रेजों ने जाटों की बहादुरी पर … Read more

सन् 1947 तक जाटों की रियासतें

जाटों की रियासतें

सन् 1947 तक जाटों की रियासतें 15 अगस्त 1947 तक जाटों की निम्नलिखित रियासतें थीं – हिन्दू जाट रियासतें भरतपुर, धौलपुर, मुरसान, सहारनपुर, कुचेसर, उचागांव, पिसावा, मुरादाबाद, गोहद और जारखी। बल्लभगढ़ व टप्पा राया को अंग्रेजों ने 1858 में जब्त किया तथा हाथरस को 1916 में। जाट सिक्ख रियासतें पटियाला, नाभा, जीन्द, (फूलकिया रियासत) और … Read more

मल्लयुद्ध (कुश्ती) जाटों का अपना खेल

मल्लयुद्ध

मल्लयुद्ध (कुश्ती) जाटों का अपना खेल जाट तो जाट है लड़ाई हो या खेल, जंग-ए-मैदान में दुश्मन को पछाड़ा तो प्रतिद्वंद्वी की बनाई रेल।।’ कुश्ती का जन्म भारत में प्राचीन हरयाणा क्षेत्र में हुआ, जिसके जन्मदाता जाट थे, इसे आज भारत में ‘फ्री स्टाइल’ कुश्ती का नाम दिया गया। लेकिन जब ये जाट यूरोप पहुंचे … Read more