कादियान जाट गोत्र का इतिहास
मेजर ए० एच० बिंगले ने अपनी पुस्तक हैण्डबुक ऑफ जाट्स, गूजर्स, अहीर्स के पृष्ठ 28 पर लिखा है कि कादियान, चौहान राजपूत कादी की सन्तान हैं।
खण्डन – राजपूत संघ तो ईस्वी सातवीं शताब्दी में बना, जबकि कादियान आर्य क्षत्रिय जाटों का बलोचिस्तान में शासन तीसरी शताब्दी ई० पू० था।
साफ है कि इनकी उत्पत्ति तो इससे बहुत पहले की है। सो, मेजर बिंगले तथा भाटों के लेख असत्य, मनगढन्त तथा प्रमाणशून्य हैं। कादियान जाटों के शासन के विषय में प्रमाण इस प्रकार से हैं –
इस जाट गोत्र का शासन इस्लाम धर्म की उत्पत्ति से पहले बलोचिस्तान में था। प्राचीन समय के सिक्के भी प्राप्त हुए हैं जिन पर पुरानी ब्राह्मी लिपि में कादान लिखा हुआ है। ये सिक्के कादान या कादियान जाट वंश (गोत्र) के हैं।
इनका आरम्भ का नाम कादा है जिसका फारसी भाषा में अर्थ शक्तिमान या पुष्ट है।
अमृतसर के निकट कादियां स्थान (गांव) और बलोचिस्तान में कादान स्थान के नाम इन्हीं कादियान जाटों के नाम पर पड़े हैं। इनके सिक्के जो प्राप्त हुए हैं वे ईस्वी पूर्व तीसरी शताब्दी के हैं।
इन सिक्कों पर एक खड़े हुए व्यक्ति की मूर्ति है जिसके बायें हाथ में भाला या राजदण्ड है। इन पर सूर्य व स्वास्तिक चिह्न भी है। इन प्रमाणों से साफ है कि कादियान जाटों का शासन पंजाब तथा बलोचिस्तान में था।
कादयान- कादियान-कादू
वर्तमान में पाकिस्तान में दो ही सबसे बड़ी खाप है जो वहां की सरकार को हिलाने दम रखती हैं जिनके नाम हैं अहमदिया और कादयानी।
कादयान मुस्लिम जाटों की यह सबसे बड़ी खाप हैं जो अहमदिया (पठान) मुस्लिमों को टक्कर देती हैं। इसके खोखर जाटों की काकड़जई खाप तीसरी सबसे बड़ी शक्ति हैं। खोखर जाट इतिहास अगले पृष्ठों में दिया जायेगा।
पिछले दिनों पाकिस्तान में एक बहुत बड़ा सरकार विरोधी प्रदर्शन हुआ था जिसका नेतृत्व मौलाना कर रहा था। यह मौलाना कादियानी खाप का प्रमुख हैं। जिसके नेतृत्व में लाखो लोग इस्लामाबाद पहुंचे थे।
इन कादियान जाटों का एक समूह जिला रोहतक (वर्तमान झज्जर) जिला में आकर आबाद हो गया। जिला रोहतक में इनकी कादियान खाप है जिसमें निम्नलिखित 12 गांव हैं –
कादियान गोत्र के गांव
- बेरी जो खाप का प्रधान गांव है
- बागपुर
- वजीरपुर
- मांगावास
- ढिराना
- चिमनी
- सिवाना
- दूबलधन
- माजरा
- तथा अन्य गोत्रों के गांव धौड़ 11. बिसहान 12. बाकरा (ब्राह्मणों का है)|
मदाना खुर्द को भी अपनी खाप में कह देते हैं और उसको अहलावत खाप भी अपने में शामिल किए हुए है।
कादियान जाटों के गांव जि० बिजनौर में गढ़ी सिवहारा, जिला मुरादाबाद में मानपुर और मनकुवा सुप्रसिद्ध गांव हैं।
जि० करनाल पानीपत में बजाना कलां, बजाना खुर्द, सिवाह, बिहौली, गढी और कैथल के पास जखोली 1/2 जि० सहारनपुर में गांगलौनी गांव कादियान जाटों के हैं।
जाट इतिहास पृ० 84 पर लेफ्टिनेन्ट रामसरूप जून ने लिखा है कि कादियान और सांगवान गोत्र जाखड़ गोत्र की औलाद में से हैं। इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं।
यह भी कह देते हैं कि कादियान, सांगवान, सौराण और जाखड़ गोत्र एक ही वंश के हैं, अतः चारों भाई हैं। यह अप्रमाणित दन्तकथा है। इन गोत्रों की उत्पत्ति अलग-अलग है।
इनका एक वंश न होने का ठोस प्रमाण यह है कि इन चारों गोत्रों के आमने-सामने रिश्ते-नाते होते हैं। हरयाणा में इन चारों गोत्रों का पंचायती भाईचारा है।
Kadyan Jat Gotra का इतिहास